शोभित जैन
मौसी : जय बेटा , तो मैं ये शादी पक्की समझूँ ...

जय : बुरा मत मानना मौसी पर जवान दोस्त का सवाल है ये तो पूछना ही पड़ता है कि लड़की करती क्या है , खर्च कितना करती है ..
मौसी : खर्च करने का जहां तक सवाल है बेटा , एक बार शादी हो जाये पति बच्चों की जिम्मेदारी जाये तो खर्च भी कम हो जायेगा ...

जय :तो क्या इसका मतलब यह है कि अभी बहुत खर्च करती है ...
मौसी : अरे नहीं नहीं ये मैंने कब कहा , पर अब रोज़ रोज़ तो घर में meggi बनाकर नहीं खा सकते ना ... कभी कभी तो होटलों में जाना ही पड़ता है .. वैसे वो एक Week में बस चार पॉँच बार ही बाहर का खाना खाती है ...

जय :रोज़ रोज़ Meggi मतलब क्या खाना पकाना भी नहीं आता इतनी कामचोर है ...
मौसी : छि छि कामचोर और वो ऐसा मैंने कब कहा पर Late Night Movie देखने के बाद कोई खाना पका पाता है क्या ?

जय :Late Night movies बस यही एक कमी बच गयी थी तुम्हारी बसंती में ....
मौसी : अरे बेटा एक बार शादी हो गयी तो वो दोस्तों के साथ Disco's में जाना बंद कर देगी , Movies Theater अपने आप बंद हो जायेंगे , वैसे मेरी बसंती लक्ष्मी हैलक्ष्मी ....

जय :एक बात तो माननी पड़ेगी मौसी तुम्हारी बसंती लाख खर्चीली सही पर तुम्हारे मुंह से उसके लिए एक भी गलत शब्द नहीं निकला ...
मौसी : क्या करूँ बेटा मेरा तो दिल ही ऐसा है .... तो मैं ये शादी पक्की समझूँ ...