शोभित जैन
महकता बगीचा ...मिटटी के घर के पिछवाड़े में...
खुश्बू फैलती है ...बड़े से बरामदे के हर कोने तक
और घर के बाहर
भी..

गुलाब ,जूही , लिली.. हर किस्म का फूल
रखता है इसे खुश्बूनुमा , दिन भर

अफ़सोस ....
सिर्फ दिन भर ...

रात को महकने के लिए ..
इसे आज भी '
रातरानी' का इंतज़ार है ...
.......................................इसको भी !!
शोभित जैन
मैं पल दो पल का ब्लॉगर हूँ,
पल दो पल मेरी कहानी है ||
पल दो पल की फुर्सत है,
महीनों में एक पोस्ट आनी है ||
मैं पल दो पल...

मुझसे
पहले कितने ब्लॉगर आये और आकर चले गए ..
कुछ टिप्पणी खोजते रह गए कुछ पोस्ट डालकर चले गए ..
वो भी एक एक पेज का किस्सा थे में भी एक पेज का किस्सा हूँ
जो कल गुमशुदा हो जाऊंगा , वो आज ब्लॉगजगत का हिस्सा हूँ ||
मैं पल दो पल...

कल और आयेंगे दीवाने, कुछ ना कुछ कुछ कहने वाले,
मुझसे बेहतर लिखने वाले, तुमसे बेहतर पढने वाले ||
क्या कोई मुझको याद करे, क्यूँ कोई मुझको याद करे
मसरूफ जमाना टिप्पणी देने, क्यूँ वक़्त अपना बर्बाद करे
मैं पल दो पल...