ईद मुबारक,
बाकी लोगों का तो पता नहीं पर ये ईद मेरे शायद मुबारक होगी .. ९ दिन की छुट्टी मिली है तो इतनी तो उम्मीद की ही जा सकती है ... Kingdom of Saudi Arabia में होने का ये फायदा तो है.. पुरे ९ दिन का आराम ... हाँ फायदे के साथ कुछ नुकसान भी हैं जैसे ये ९ दिन की छुट्टी तो मिल गयी पर इसमें कुछ करने या कहीं घूमने को है नहीं... बस कुछ नए ब्लॉग शुरू किये हैं उन्ही को समय देने का प्लान है जिनमे एक "Travelog" है एक "Photos " के लिए है और एक दो और ..... इन ब्लोग्स को बनाने का मन तो कई दिनों से था पर समय अब जाकर मिला . अभी नीव तो डाल दी है ईमारत खड़ी करना और रंगरोगन का काम बाकी है .. काम पूरा होते ही आप लोगो के सामने पेश किया जायेगा बाकायदा पार्टी-शार्टी के साथ ...
चलिए जब तक आप लोग इस नयी ग़ज़ल का आनंद लीजिये :-
दूध की बोतल छुट गई , दाम देखकर
दारू साथ ही रह गई , शाम देखकर ॥१॥
मक्कारी , दिखावा झूठ तरक्की पा गए
और काम मिल गया, काम देखकर ॥२॥
सादगी , सीरत , और अदाएं गज़ब की
मरने को जी चाहता है, इंतजाम देखकर ॥३॥
लाज बचाने की खातिर , थाने चली गयी
होश फाख्ता हो गए, अंजाम देखकर ॥४॥
चलने की आदत में थकने की फुर्सत कहाँ
रूह को सुकूँ मिलेगा अब तो, 'मुक्तिधाम' देखकर ॥५॥
ये ग़ज़ल लिख तो दी है पर मैं स्वयं इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूँ (खासकर आखिरी शेर से) .. अपने अग्रजों से इसे सुधारने के अनुरोध के साथ इसे पोस्ट कर रहा हूँ ...
बाकी लोगों का तो पता नहीं पर ये ईद मेरे शायद मुबारक होगी .. ९ दिन की छुट्टी मिली है तो इतनी तो उम्मीद की ही जा सकती है ... Kingdom of Saudi Arabia में होने का ये फायदा तो है.. पुरे ९ दिन का आराम ... हाँ फायदे के साथ कुछ नुकसान भी हैं जैसे ये ९ दिन की छुट्टी तो मिल गयी पर इसमें कुछ करने या कहीं घूमने को है नहीं... बस कुछ नए ब्लॉग शुरू किये हैं उन्ही को समय देने का प्लान है जिनमे एक "Travelog" है एक "Photos " के लिए है और एक दो और ..... इन ब्लोग्स को बनाने का मन तो कई दिनों से था पर समय अब जाकर मिला . अभी नीव तो डाल दी है ईमारत खड़ी करना और रंगरोगन का काम बाकी है .. काम पूरा होते ही आप लोगो के सामने पेश किया जायेगा बाकायदा पार्टी-शार्टी के साथ ...
चलिए जब तक आप लोग इस नयी ग़ज़ल का आनंद लीजिये :-
दूध की बोतल छुट गई , दाम देखकर
दारू साथ ही रह गई , शाम देखकर ॥१॥
मक्कारी , दिखावा झूठ तरक्की पा गए
और काम मिल गया, काम देखकर ॥२॥
सादगी , सीरत , और अदाएं गज़ब की
मरने को जी चाहता है, इंतजाम देखकर ॥३॥
लाज बचाने की खातिर , थाने चली गयी
होश फाख्ता हो गए, अंजाम देखकर ॥४॥
चलने की आदत में थकने की फुर्सत कहाँ
रूह को सुकूँ मिलेगा अब तो, 'मुक्तिधाम' देखकर ॥५॥
ये ग़ज़ल लिख तो दी है पर मैं स्वयं इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूँ (खासकर आखिरी शेर से) .. अपने अग्रजों से इसे सुधारने के अनुरोध के साथ इसे पोस्ट कर रहा हूँ ...
नमक कम तो है.. पर छुट्टी में कुछ धुँआधार लिख ही डालो..
भावना अच्छी है पर बहरोवज़्न के लिये किसी उस्ताद को ढूंढिये।
सादगी, सीरत और अदायें गज़ब की
मरने को जी चाहता है, इंतजाम देखकर ।
क्या गज़ब कह दिया । बेहतरीन गज़ल ।धन्यवाद ।
जैसे हकीकत के नल का पानी खोल दिया हो.. जहाँ तक त्रुटियों का पश्न है इतनो हैसियत नहीं की पानी में रेत ढूँढ़ सकूँ ..
...तो मधुशाला कर दीजिये ना -अच्छा तो लिखा है बल्कि कहूं तो बहुत अच्छा !
awesomeeeeeeeeeeeee..............
laaj bachane....
hat's off.
....wapis aata hoon.
बढ़िया!
ईद मुबारक!
शोभित जी
पह्ली बार आपके ब्लोग पर आया और अब आता रहून्गा
यही ब्लोग टेम्पलेट मै भी इस्तेमाल कर रहा हू
आपका स्वागत है गुरु जि ब्लोग सुबीर सवाद सेवा पर जहा गजल की क्लास चलती है और तरही मुशायरे का आयोजन होता है
वाह .. बहुत बढिया !!
BAHUT ACHEE HAI SHOBHI JI ..... SUDHAAR LAYAK TO HAMEN AATA NAHI .... TAREEF LAYAK HAI SO KAR RAHE HAIN ....
ख्वाब
ख्वाब ही हैं जो जिंदगी को
जीना सिखा देते हैं
ख्वाब ही हैं जो मौत से भी
लड़ना सिखा देते हैं
आप तो बस टूटे हुए
ख्वाबों की बात करते हो
हम टूटे हुए ख्वाब को भी
ख्वाब में मुकम्मल बना देते हैं.
हम ख्वाब देखते हैं मगर
हकीकत में जिया करते हैं
ख्वाब को मंजिल नहीं,
रास्ता कहा करते हैं.
आप ख्वाब देखकर बस
ख्यालों में खो जाते हो
हम ख्यालों को भी ख्वाब में
हकीकत बनाया करते हैं.
डॉ अ किर्तिवर्धन
09911323732
bakarid ka asli arth kya hai?
allah ne mangi thi ek cheej
pyari jo jaan jigar se
kardo kurban use
allah ki dagar pe.
kaat kar tumne
chand bhed bakariyan
allah ke pyar ko
kurbani bata diya?
bhai,jis din karodon mook janwaron ko maut ki nind sula diya jaaye us din ki kaisi mubarakwaad?
वाह शोभित भाई, अंदाज देख के मज़ा आगे...उम्दा लिखा है..कोई शक नहीं है..वाह..!
वाह लाजवाब पहला और चौथा शेर बहुत ही अच्छा लगा बधाई
ेआपके ब्लाग हम आजकल पर टिप्पणी की व्यवस्था नहीं दिखी ।
सुन्दर बढ़िया रही यह gajal शुक्रिया