महकता बगीचा ...मिटटी के घर के पिछवाड़े में...
खुश्बू फैलती है ...बड़े से बरामदे के हर कोने तक ॥
और घर के बाहर भी..
गुलाब ,जूही , लिली.. हर किस्म का फूल
रखता है इसे खुश्बूनुमा , दिन भर ॥
अफ़सोस ....
सिर्फ दिन भर ...
रात को महकने के लिए ..
इसे आज भी 'रातरानी' का इंतज़ार है ...
.......................................इसको भी !!
खुश्बू फैलती है ...बड़े से बरामदे के हर कोने तक ॥
और घर के बाहर भी..
गुलाब ,जूही , लिली.. हर किस्म का फूल
रखता है इसे खुश्बूनुमा , दिन भर ॥
अफ़सोस ....
सिर्फ दिन भर ...
रात को महकने के लिए ..
इसे आज भी 'रातरानी' का इंतज़ार है ...
.......................................इसको भी !!
वाह!
सच कहा है शोभित जी ... रात रानी ही बस अकेली रात की संगिनी है .....
shabda vyanjanaa ati sundar..............