एक जाये दूजा आ जाये
पेट्रोल संग प्याज रुलाये ,
ऐसा नहीं वैसा होता ,
हैं जी के जंजाल बहुत ॥
मैं कैसे तुझसे प्यार करूँ ??पेट्रोल संग प्याज रुलाये ,
महंगी हो गयी दाल बहुत ॥
मैं कैसे तुझसे प्यार करूँ ??चैन के दो पल मयस्सर नहीं
सर पे सवार हैं काल बहुत ॥मैं कैसे तुझसे प्यार करूँ ??
ऐसा नहीं वैसा होता ,
दिल में हैं सवाल बहुत ॥
मैं कैसे तुझसे प्यार करूँ ??
सच कहा आपने इतनी दुश्वारियों के बीच कैसे प्यार करें....बहुत अच्छी रचना...
नीरज