तुमने मेरे सपनों को समझा ,
मेरे करीबी , अपनों को समझा !!
पैदाइशी फितरत को समझा ,
तारे, राशी , नक्षत्र को समझा !!
खामोश उदासी, तन्हाई को समझा ,
ज़माने की रुसवाई को समझा !!
सीमायें समझी , हक को समझा ,
फ़िज़ूल सी बक-बक को समझा !!
एक बेचारा दिल बच गया ,
जिसको छोड़कर सबको समझा !!
मेरे करीबी , अपनों को समझा !!
पैदाइशी फितरत को समझा ,
तारे, राशी , नक्षत्र को समझा !!
खामोश उदासी, तन्हाई को समझा ,
ज़माने की रुसवाई को समझा !!
सीमायें समझी , हक को समझा ,
फ़िज़ूल सी बक-बक को समझा !!
एक बेचारा दिल बच गया ,
जिसको छोड़कर सबको समझा !!