जिसे खोजने में ज़माने लगे ,
उसके ख्वाब अब डराने लगे १
वैसे मिलना तो अब मुनासिब नहीं रहा,
पर वो खवाबों में आने-जाने लगे २
आरजू, इजहार, उम्मीद औ मोहब्बत,
खुद, कहीं गहरे दफ़नाने लगे ३
तराशा था हर नगीना, एहतियात से ,
आज खाली सब खज़ाने लगे ४
दर्द आखों से होकर, कागज़ पर बिखर गया,
वो बेफिक्र होकर गुनगुनाने लगे ५
उसके ख्वाब अब डराने लगे १
वैसे मिलना तो अब मुनासिब नहीं रहा,
पर वो खवाबों में आने-जाने लगे २
आरजू, इजहार, उम्मीद औ मोहब्बत,
खुद, कहीं गहरे दफ़नाने लगे ३
तराशा था हर नगीना, एहतियात से ,
आज खाली सब खज़ाने लगे ४
दर्द आखों से होकर, कागज़ पर बिखर गया,
वो बेफिक्र होकर गुनगुनाने लगे ५
अच्छी गज़ल है।