काफिर नही होता...
जिस चेहरे को हया का रंग हासिल नहीं होता,
वो नाम हुस्न वालो में शामिल नहीं होता !!१!!
हुस्न की चाहत ही खुदा की इबादत है,
मानते गर तुम, तो मैं काफिर नही होता !!२!!
मुहब्बत पाने दिल में हिम्मत चाहिए हुज़ूर,
तोहफे की शक्ल में इश्क हाज़िर नही होता !!३!!
खताएं तो होंगी , गर आशिकी ताज़ा है॥
क्योंकि जो सच्चा होता है, वो माहिर नहीं होता !!४!!
पन्ने तो कई रंगे स्याही से, पर
जिसपर लिखा उसी पर जाहिर नही होता !!५!!
(दोस्तों, आज सभी ब्लॉगर बंधुओं से माफ़ी मांगने का दिल कर रहा है, क्यूंकि पिछले कुछ समय से अतिव्यस्तता के चलते किसी भी रचना पर अपनी टिपण्णी नहीं दे पाया हूँ.. बहुत से रचनाकारों के तराशे हुए नायाब मोतियों को अपनी "google reader list " के जरिये पढ़ तो रहा हूँ पर उसके आनंद को व्यक्त नही कर पा रहा हूँ.......)
क्षमाप्रार्थी:-
शोभित जैन