शोभित जैन
कल शाम को पिछले कुछ महीने की जमा-पूंजी पर एक बार फिर से हमला हुआ, और एक बार फिर से मेरी तनख्वा अप्रत्याशित खर्चे की भेंट चढ़ गई और मेरे हाथ में रह गया मुझे मुहँ चिढाता हुआ "Zero Balance", तब मुझे मजबूर होकर हिन्दी फ़िल्म से ये शेर चुराना पड़ा (भावनाओं को समझो, वो मेरी अपनी हैं) :-


अपने हिस्से का खर्च तो हम कर चुके चुन्नी बाबु,
बस कुछ बचत का ख्याल करते हैं
क्या कहें इन दुनिया वालों को,
जो आखरी पैसे पर भी ऐतराज़ करते हैं १


और
जब इतने से भी दिल की भड़ास पूरी नही हुई तो एक और शेर चुरा डाला......गौर फरमाइयेगा.....


मैंने जब जब कुछ बचाने की पूरी शिद्दत से कोशिश की है
सारी कायनात ने उसे खर्च करवाने की साजिश की है २

(फिर दिल में ख्याल आया- "नौकरी अभी बाकी है मेरे दोस्त" )
10 Responses
  1. जमा-पूंजी समाप्‍त हो गयी तो शेर चुराने लगे ,पर इससे कुछ नहीं मिलनेवाला... वैसे शेर अच्‍छे हैं और प्रस्‍तुतीकरण का ढंग भी।



  2. Unknown Says:

    अच्छे शेर हैं....हमारे साथ तो अक्सर ये हो जाता है..



  3. क्या बात है दोस्त
    खर्चे का ज़िक्र भी शेरो-शाएरी के अंदाज़ में
    मज़ा आ गया


  4. बेनामी Says:

    galati khud aapki hai, chunni babu ko kyu beech me late hain. Ham kahte hain paisa haath ka mail hai, aap haath par haath dhoye jaate hain!!


  5. "मैंने जब जब कुछ बचाने की पूरी शिद्दत से कोशिश की है
    सारी कायनात ने उसे खर्च करवाने की साजिश की है"
    सुंदर है , बहुत ही !

    ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद !


  6. SAHITYIKA Says:

    antim sher. bahut hi hasya purna hai. aur bahut sahi bhi..


  7. Salary is one thing which got you going. I've even seen one more thing that when you have money in a/c (even u spend it or not) u have a kind of marvellous felling. And when you don't have that (inspite of the fact that you don't have any expences too) you are in 'Great Depression'. It happens with me don't know bout else. Your sarcastic perody is very relevent.However, salary is just credited in my a/c so let me be happy. (atleast for few days, may be.)One from my side:
    "Gadgets Bikete hai, Sale ka sama hota hai.
    Aise mausem mein hi to kharcha yahan hota hai,
    kharchney ko salry ka hum intzaar nahi karte,
    credit card jeb mein jahan hota hai."
    Bad but any ways....


  8. Unknown Says:

    चेहरे बदलने का हुनर मुझमैं नहीं ,
    दर्द दिल में हो तो हसँने का हुनर मुझमें नहीं,
    मैं तो आईना हुँ तुझसे तुझ जैसी ही मैं बात करू,
    टूट कर सँवरने का हुनर मुझमैं नहीं ।
    चलते चलते थम जाने का हुनर मुझमैं नहीं,
    एक बार मिल के छोड जाने का हुनर मुझमैं नहीं ,
    मैं तो दरिया हुँ , बेहता ही रहा ,
    तुफान से डर जाने का हुनर मुझमैं नहीं.........!!!!!!!!!


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